Written by D.K. Vasal…वासल देवेन्द्र
चोर चोर चोर
चोर चोर चोर , सभी ओर था शोर,
बच्चे बूढे ,और जवान।
सभी मचायें ,शोर,
किसको ,अच्छा लगता है।
सोचो ,शब्द ये चोर।
मैंने भी देखा ,सपने में,
बार बार ,इक चोर।
उठ जाऊं ,घबरा कर,
नां देखूं ,अगर वो चोर।
रोज़ रहता है ,सपनों में,
ना आये ,जब तक भोर।
मैं नादान ,नही जानता,
है ये ,कैसा चोर।
करता है ,मन मेरे को,
भोर भोर ,अति भोर।
सोचा ,इक दिन ,
जाग कर ,देखूं।
है छिपा ,कहां ये चोर,
गुज़र गयी ,पूरी रात मेरी।
दिखा नही , मुझे चोर।
जैसे लगी ,आंख फिर मेरी,
आ गया ,फिर वो चोर।
मैं नादान ,समझ गया अब,
ये कैसा ,चल रहा दौर।
जाग कर भी ,जब सोया हूं,
नही दिखता ,मुझे ये चोर।
सो कर भी ,जब जागा हूं,
रहे हर दम ,साथ ये चोर।
मैं नादान ,नही जानता,
है कौन ,तुम्हारा चोर।
क्या चुराया ,तुम्हारा उसने,
क्यों करते ,हो शोर।
वासल देवेन्द्र ,ने तो जान लिया,
कौन है ,उसका चोर।
रहें प्रबल ,जब इन्द्रियां,
मचाता है ,वो शोर।
रहो जागते ,सो कर भी,
मिलेगा ,माखन चोर।
रहो जागते ,जगायो औरौं को,
तुम मत ,मचाओ शोर।
मन मोहने ,को आया है,
सपनों में ,माखन चोर।
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Very nice
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Thank you.
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Loved it very nicely written
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Jai Shri Krishna
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Thank you very much. May God bless you.
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माखनचोर बालगोपाल को समर्पित, भक्ति भावना से ओत प्रोत यह कविता, भक्त के अचेतन मन में उठ रहे भावों का सुंदर मनोवैज्ञानिक विश्लेषण करने में सफल है।
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Thank you very much. May God bless you
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Thank you very much. May God bless you.
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Enjoyed this poem and the concept of SHOR very much.
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Thank you very much. May God bless you
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Jai Shri Krishna
Everyone like this SHOR of this Makhan Chor. He is always welcome in their house, heart
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Thank you very much. May God bless you.
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Well drafted andSuperb poem wit deep meanings
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Superb poem wit deep meanings
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Superb poem with deep meanings
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Thank you
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