कृष्णा कृष्णा… Written by वासल देवेन्द्र.. D.K.Vasal
कृष्णा कृष्णा।
सूरज निकले कह कृष्णा कृष्णा।
डूबा चांद कह कृष्णा कृष्णा।
सितारे हुये मद्धम कह कृष्णा कृष्णा।
भोर हुई कह कृष्णा कृष्णा।
पक्षी बोलें कहें कृष्णा कृष्णा।
पवन चले कह कृष्णा कृष्णा।
बाग़ भी बोले कृष्णा कृष्णा।
पुष्प भी बोले कृष्णा कृष्णा।
चारों ओर बस कृष्णा कृष्णा।
हर ‘श’ में है बस कृष्णा कृष्णा।
अन्न के हर अंश में कृष्णा।
पानी की वाणी में कृष्णा।
बादल की हर बूंद में कृष्णा।
धरती बोले कृष्णा कृष्णा।
आकाश भी बोले कृष्णा कृष्णा।
तुम भी बोलो कृष्णा कृष्णा।
मैं भी बोलूं कृष्णा कृष्णा।
तुम में कृष्णा मुझ में कृष्णा।
सृष्टि के हर कण में कृष्णा।
कहता है वासल देवेन्द्र।
तूं सुन ले मेरी पुकार ओ कृष्णा।
मेरे सांसों की लय भी बोले।
देह में खून की हर बूंद भी बोले।
झपकती हुईं मेरी पलकें बोलें।
जबसे जन्मा तब से बोलें।
मृत्यु शय्या पर भी मैं बोलूं।
तूं मेरा मैं तेरा कृष्णा।
खाली झोली खाली घर।
खाली रिश्ते खाली संसार।
हर मेरी वो सांस बेकार।
जो सांस नां बोले कृष्णा कृष्णा।
नां झपके फिर पलक वो मेरी।
जो पलक नां बोले कृष्णा कृष्णा।
देह में मेरी खून बेकार।
जो खून नां बोले कृष्णा कृष्णा।
खुली आंख में मेरी कृष्णा।
बंद आंख में भी है कृष्णा।
नहीं चाहिए मुझे होश वो ऐसा।
जो होश नां बोले कृष्णा कृष्णा।
नहीं मांगता कुछ भी तुझ से।
बस जीवा पे हो कृष्णा कृष्णा।
इतना वादा तो कर ले कृष्णा।
प्राण छुटें जब देह से मेरी।
लब पे हो बस कृष्णा कृष्णा।
लब पे हो बस कृष्णा कृष्णा।
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When you ” chant KRISHNA KRISHNA KRISHNA ” you will feel ” HAPPINESS” .
Appeal to all my friends to must read BHAGWAT GEETA with full concentration.
You will enjoy and then think , life will take a new turn of happiness in your life .
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Written beautifully as real Bhagat of Krishna
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🙏🌹Hare Krishna Hare Krishna
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कृष्णमय विश्व की अनुभूति से ओत-प्रोत एक सरल, सुगम और सुंदर और सराहनीय कविता!
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