ख़ुदा रहता है आसमांनो में। वो….. दूर…..। बहुत दूर……. WRITTEN BY वासल देवेन्द्र। D.K. Vasal
वो……………दूर…………।
बहुत दूर…………..।
ख़ुदा रहता है आसमांनो में,
यही तो तमाम उम्र,
भरते रहे मेरे कानों में।
दूरबीन बनाईं इन्सान ने,
लाने को सितारों को पास।
फिर क्यों भेज दिया,
दिल में बसे ख़ुदा को,
दूर……. आसमानों में।
हर कीमती चीज़ को,
दिखाते हैं पहुंच के बाहर।
यकीन कर लेता है बच्चा,
बात पर बड़ों की।
कर लेता है मन को पक्का,
कि ख़ुदा तो बस।
रहता है आसमांनो में,
ख़ुदा तो बस रहता है दूर ही।
ख़ुदा को ढूंढने की चाह,
बच्चे में छोड़ते ही नहीं।
जैसे बस उनके पास ही है,
ख़ुदा तक पहुंचने की राह।
हर बात पर डराते हैं उसे,
लेकर नाम ख़ुदा का।
जैसे वो दूर आसमानों से,
उतरेगा,
देने को बस सज़ा ही।
गुंजते हैं बोल कानों में,
ख़ुदा से डर ।
वो देखता है तुझको,
नही सुना कभी कहते किसी को,
तूं अच्छा है बच्चा।
ख़ुदा देखता है तुझको।।
पूरी उम्र गुज़र गई,
नहीं समझ पाया वासल देवेन्द्र।
क्यों बुनियाद ख़ुदा की,
बनाते हैं उसके डर से।
नहीं सुना मैंने कभी
कहते किसी को,
मैं चाहता हूं तुझको इतना।
ख़ुदा चाहता है जितना तुझको।
विश्वास ऐसे ही,
डोल जाता है ख़ुदा से।
जैसे हो कर बड़ा बच्चा,
छुट जाता है डर से।
मोहब्बत नहीं कभी मरती,
रखो याद हमेशां।
तुम चाहते रहोगे उसको,
वो नां भी चाहे जो तुमको।
फिर क्यों नहीं सिखाते,
उस मासूम बच्चे को।
बहुत प्यार करता है,
सच में ख़ुदा उसको।
बस सूरत उस ख़ुदा की,
बता देते हैं ऐसे।
वो दया करेगा यां,
सज़ा देगा जैसे।
है प्रार्थना वासल देवेन्द्र की,
मत डराओ बच्चों को।
तुम ख़ुदा के नाम से,
दो कुछ छूट उनको भी।
ढूंढने की ख़ुदा को।
शायद तुमसे पहले ही,
ढूंढ ले वो
तम्हारे ख़ुदा को।
सिखाओ तुम उसको,
करना प्यार ख़ुदा से।।
वो………… दूर…………..।
बहुत दूर……………….।
ख़ुदा रहता है आसमांनो में
यही तो तमाम उम्र
कहते रहे मेरे कानों में।
*****
Beautiful. Let the child discover concept of God as he grow and that will be real devotion
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Thank you
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