ये किसने फिर पुकारा मुझे।

TODAY 19/5/22.
LAST YEAR ON 19/5/21 MY DARLING SON GIRISH LEFT US FOR EVER.
EVERY MOMENT OF MY LIFE I STRUGGLE – IN VAIN , TO CONTROL MY EMOTIONS THAT LEAD TO TEARS. RIGHT NOW WHEN IAM PENNING THIS DOWN THE TEARS ARE ROLLING DOWN MY CHEEKS..
MY GRAND CHILDREN LOOK UPON ME ( THE SETTING. SUN) WITH HOPE.
KINDLY KINDLY READ THE MESSAGE LORD KRISHNA GAVE ME IN DREAMS.
(KRISHNA AND ME ARE INSEPARABLE. HE  KEEPS GUIDING ME)

ये किसने फिर पुकारा मुझे…. Written by वासल देवेन्द्र…D.K.Vasal
ये किसने फिर पुकारा मुझे।

ये किसने फिर पुकारा मुझे,
जिंदगी दुबारा जीने को मुझे।
क्या सुनी है कोई आहट तुम्हें,
फिर किसने नींद से जगाया मुझे।

शायद ख़ुदा ने थपथपाया मुझे,
बड़े प्यार से फिर जगाया मुझे।
बोला अब नई भोर हुई,
अब रात भी थक के चूर हुई।

एक नया सवेरा आया है,
तूं भूल पुरानी बातों को।
तूं देख नन्हों के बचपन को,
तुझे बड़ा करना है उनको अभी,
अब नहीं थकना है तुझे कभी।

नां जाने कैसी पुकार थी वो,
बस दिल के आर पार थी वो।
हो गया मैं उठ के खड़ा तभी,
शायद ख़ुदा ने फिर पुकारा अभी।

करुणा और दया की पुकार थी वो,
ज़ख्मों को भरती आवाज़ थी वो।
ख़ुदा जैसे कह रहा हो मुझे,
छोड़ नींद अब जाग ज़रा,
सूरज तेरी इंतजार खड़ा।

अब ले ले वापस तूं श्राप तेरा,
ओ वासल देवेन्द्र कर यक़ीन मेरा।
मेरे घर में बहुत ख़ुश बेटा तेरा,
मैं कोई और नहीं कृष्णा हूं तेरा।
कृष्णा हूं तेरा, कृष्णा हूं तेरा।।

अब हो खड़ा नई भोर हुई,
अब रात भी थक के चूर हुई।
छोड़ नींद अब जाग ज़रा,
सूरज खुद तेरी इंतजार खड़ा।
******

Published by Vasaldevenderpoetry

The Blogger D. K. Vasal ( Devender Kumar Vasal) is a renowned Lawyer. He was a Head of legal for STANDARD CHARTERED BANK India & other territories. General legal counsel for VEDANTA plc. A Senior partner in DSKlegal , one of the largest law firms. DK ( as populary known ) was a Chairman of ISSAGRO ASIA LTD. DK is a board of director on many companies. The Blogger वासल देवेन्द्र, vasaldk, DK Vasal, (DK) , is also a flautist. He learnt playing flute at the age of 60+ and now gives stage performances. वासल देवेन्द्र is also a poet and writes poems both in English and Hindi and many of them have been published in Magzines. His recent poem अक्षर ढाई has become very popular. At the age of 64 he ran 2 half marathons ( 21 KILOMETRES) one on October 4, 2020 (@ 6.33 and another on November 29, 2020. He is converting whole of Bhagvad Gita into poetry. The work is in progress and half of that has been completed. Contact detail , blog: vasaldk.blogspot.com Website : dkvasal.com Email : vasaldevenderpoetry@gmail.com Mobile: +919820347326

7 thoughts on “ये किसने फिर पुकारा मुझे।

  1. It is the Supreme power, Lord Krishna who always guides his true followers like the author of this poem! He carries out His true followers of all the difficult situations, heals their emotional injuries and make them capable enough to carry out all their obligations!

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  2. जाहि विधि राखे राम,
    ताहि विधि रहिये॥मुख में हो राम नाम, राम सेवा हाथ में,
    तू अकेला नहिं प्यारे, राम तेरे साथ में।
    विधि का विधान जान हानि लाभ सहिये
    जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये॥सीताराम सीताराम सीताराम कहिये,
    जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये। किया अभिमान तो फिर मान नहीं पायेगा,
    होगा प्यारे वही जो, रामजी को भायेगा।
    फल आशा त्याग शुभ कर्म करते रहिये,
    जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहिये॥ सीताराम सीताराम सीताराम कहिये
    जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहियेज़िन्दगी की डोर सौंप हाथ दीनानाथ के,
    महलों मे राखे चाहे झोंपड़ी मे वास दे।
    धन्यवाद निर्विवाद राम कहते रहिये,
    जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये॥सीताराम सीताराम सीताराम कहिये
    जाहि विधि राखे राम, ताहि विधि रहियेआशा एक रामजी से, दूजी आशा छोड़ दे,
    नाता एक रामजी से, दूजे नाते तोड़ दे।
    साधु संग राम रंग अंग अंग रंगिये,
    काम रस त्याग प्यारे, राम रस पगिये॥सीताराम सीताराम सीताराम कहिये
    जाहि विधि राखे राम ताहि विधि रहिये

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  3. खुदा का तु सच्चा भक्त,
    विशेष प्यारा है तू उसको,

    कार्य नया सौंप है तुझको
    निभाना है जिमेदारी से उसको,

    उठ , और कमर कस ले अब
    नया अध्याय लिखना है तुझको,

    नई उमंग, नए जोश और नए उत्साह,
    इस नए कार्य मे लगाना है तुझको,

    इस कार्य के लिए ,चुना है खुदा ने तुझको
    कुस विदेश और ईश्वरी गुण है तुसमे ,

    कार्य सफ़लता पूर्वक पूर्ण हो,
    इसकी प्रार्थना करता हु खुदा से,

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  4. ज़रा दिल को सम्भाल, मना तो ना पाएगा,
    आज भी तेरा बेटा, तुझमें मुझे देखता है,
    उसके बच्चों को, कोई और नहीं, बस तू ही बड़ा कर पाएगा

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